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बुधवार, 20 सितंबर 2017

कुण्डलिया

माता शक्ति स्वरूप है, जिसके कृत्य महान
सुत की रक्षा  के लिए,  करती  नये  विधान
करती  नये  विधान,  सदा  न्यौछावर  होती
देती    है    सौगात, सीप  से  लाकर  मोती
शीश नवा जय बोल, द्वार पर जो भी आता
सकल  कामना पूर्ण, करे  नित  अम्बे माता//

नवरात्रि की बहुत सारी शुभकामना के साथ जयप्रकाश चतुर्वेदी

https://jaiprakashchaturvedi.blogspot.com/2017/09/blog-post.html

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