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गुरुवार, 3 अक्तूबर 2019

गीत

मन मोहन का सुमिरन कर ले, भज ले माधव प्यारे
बोलो राधे राधे,
बोलो जय श्री राधे
कर ललाट धनु तिलक सुहावै, भज ले राघव प्यारे
बोलो राधे  -  राधे
बोलो जय श्री राधे
विषयों के विष में देखो कैसी बनी है आज जिन्दगी
दम्भ - द्वेष से तन में मन में भरी है कितनी  गन्दगी
दूर करो सब विषय वासना, सबको नाधव प्यारे
बोलो राधे  -  राधे
बोलो जय श्री राधे
सुभग छटा है जिनकी तिरछी नजर है मुस्कान भी 
अपने भगत के लिए तजते  हैं  अपना जो मान भी 
जिसको भज के सखा बन गये, कान्हा ऊधव प्यारे
बोलो राधे  -  राधे
बोलो जय श्री राधे
भजन करेगा तुझको मुक्ति मिलेगी संसार से 
जन्म मरन के तेरे  बन्धन  कटेंगे इक बार से 
द्वार खोल देते जो अपना, हमको सूधव प्यारे
बोलो राधे  -  राधे 
बोलो जय श्री राधे
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