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शनिवार, 9 नवंबर 2019

मन से  राम  भजो  या  श्याम
भज लो निशिदिन आठो याम।
भव  से  पार  करे   हरि  नाम- 2।।
जिसने गज को मुक्ति दिलाया
विष को अमृत किया पिलाया।
भज  लो  उसको सुबहो शाम
भव  से  पार  करे   हरि  नाम।। 
जिसने  अन्तर्मन   से   ध्याया
सुख वैभव यश सब कुछ पाया। 
दूर     हो    गये    सारे    झाम
भव  से   पार  करे   हरि  नाम।। 
रूपमाधुरी     कर      रसपान
शाश्वत गुण  का कर गुणगान। 
सोहे    श्यामा   जिसके   वाम
भव  से  पार  करे   हरि  नाम।।
सारे  कर्मों   को   कर   अर्पण
जग की अभिलाषा कर तर्पण। 
बन    जायेंगे   बिगड़े    काम
भव  से  पार  करे   हरि  नाम।।https://jaiprakashchaturvedi.blogspot.com/2019/11/blog-post.html




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